Nadi Ke Dweep (Hindi Novel)

नदी के द्वीप

Nonfiction, Reference & Language, Foreign Languages, Indic & South Asian Languages, Fiction & Literature, Psychological
Cover of the book Nadi Ke Dweep (Hindi Novel) by Agyeya, अज्ञेय, Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Agyeya, अज्ञेय ISBN: 9781613012505
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: November 15, 2013
Imprint: Language: Hindi
Author: Agyeya, अज्ञेय
ISBN: 9781613012505
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: November 15, 2013
Imprint:
Language: Hindi

नदी के द्वीप' व्यक्ति-चरित्र का उपन्यास है। इस से इतर कुछ वह क्यों नहीं है, इसका मैं क्या उत्तर दूँ? और दूँ ही, तो वह मान्य ही होगा ऐसा कोई आश्वासन तो नहीं है। व्यक्ति अपने सामाजिक संस्कारों का पुंज भी है, प्रतिबिम्ब भी, पुतला भी; इसी तरह वह अपनी जैविक परम्पराओं का भी प्रतिबिम्ब और पुतला है-'जैविक' सामाजिक के विरोध में नहीं, उससे अधिक पुराने और व्यापक और लम्बे संस्कारों को ध्यान में रखते हुए। फिर वह इस दाय पर अपनी छाप भी बैठाता है, क्योंकि जिन परिस्थितियों से वह बनता है उन्हीं को बनाता और बदलता भी चलता है। वह निरा पुतला, निरा जीव नहीं है, वह व्यक्ति है, बुद्धि-विवेक-सम्पन्न व्यक्ति। तो अब हम चाहें तो व्यक्ति को जैसा वह है वहीं से ले सकते हैं, उस बिन्दु से आरम्भ करके उसकी गति-विधि को देख सकते हैं, या फिर मुख्यतया इसी पर विचार कर सकते हैं कि वह जैसा है वैसा हुआ क्यों; और वैसा होकर वह क्या कर रहा है, इसे गौण मान ले सकते हैं। पहले में सामाजिक शक्तियों को निहित मान कर चलते हैं और व्यक्ति-चरित्र ही सामने होता है, दूसरे में व्यक्ति गौण होता है और सामाजिक शक्तियाँ ही प्रधान पात्र हो जाती हैं। जहाँ तक शिल्प-विधान का प्रश्न है, दोनों प्रक्रियाएँ अपना स्थान रखती हैं, दोनों की विशेषताएँ और मर्यादाएँ हैं। और दोनों के अपने-अपने जोख़िम भी। सतर्क कलाकार जोख़िम से बच कर चल सकता है। शतरंज का खेल देखें, तो राजा-वज़ीर, हाथी-घोड़े आदि मोहरों को राजा-वज़ीर, हाथी-घोड़ा ही मान कर खेल का विकास देख सकते हैं,... महान् साहित्यकार सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' का महत्वपूर्ण उपन्यास

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

नदी के द्वीप' व्यक्ति-चरित्र का उपन्यास है। इस से इतर कुछ वह क्यों नहीं है, इसका मैं क्या उत्तर दूँ? और दूँ ही, तो वह मान्य ही होगा ऐसा कोई आश्वासन तो नहीं है। व्यक्ति अपने सामाजिक संस्कारों का पुंज भी है, प्रतिबिम्ब भी, पुतला भी; इसी तरह वह अपनी जैविक परम्पराओं का भी प्रतिबिम्ब और पुतला है-'जैविक' सामाजिक के विरोध में नहीं, उससे अधिक पुराने और व्यापक और लम्बे संस्कारों को ध्यान में रखते हुए। फिर वह इस दाय पर अपनी छाप भी बैठाता है, क्योंकि जिन परिस्थितियों से वह बनता है उन्हीं को बनाता और बदलता भी चलता है। वह निरा पुतला, निरा जीव नहीं है, वह व्यक्ति है, बुद्धि-विवेक-सम्पन्न व्यक्ति। तो अब हम चाहें तो व्यक्ति को जैसा वह है वहीं से ले सकते हैं, उस बिन्दु से आरम्भ करके उसकी गति-विधि को देख सकते हैं, या फिर मुख्यतया इसी पर विचार कर सकते हैं कि वह जैसा है वैसा हुआ क्यों; और वैसा होकर वह क्या कर रहा है, इसे गौण मान ले सकते हैं। पहले में सामाजिक शक्तियों को निहित मान कर चलते हैं और व्यक्ति-चरित्र ही सामने होता है, दूसरे में व्यक्ति गौण होता है और सामाजिक शक्तियाँ ही प्रधान पात्र हो जाती हैं। जहाँ तक शिल्प-विधान का प्रश्न है, दोनों प्रक्रियाएँ अपना स्थान रखती हैं, दोनों की विशेषताएँ और मर्यादाएँ हैं। और दोनों के अपने-अपने जोख़िम भी। सतर्क कलाकार जोख़िम से बच कर चल सकता है। शतरंज का खेल देखें, तो राजा-वज़ीर, हाथी-घोड़े आदि मोहरों को राजा-वज़ीर, हाथी-घोड़ा ही मान कर खेल का विकास देख सकते हैं,... महान् साहित्यकार सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' का महत्वपूर्ण उपन्यास

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Urvashi (Hindi Epic) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Panch Phool (Hindi Stories) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Man Ki Shaktiyan (Hindi Self-help) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Raushani Mahakti Hai (Hindi Gazal) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Kripa (Hindi Rligious) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Parineeta(Hindi Novel) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Meri Kahaniyan-Agyeya (Hindi Stories) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Khajane Ka Rahasya (Hindi Novel) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Ramprasad Bismil Ki Aatmakatha (Hindi Autobiogrphy) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Nirmala (Hindi Novel) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Nirog Jeevan (Hindi self-help) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Aankh Ki Kirkirie (Hindi Novel) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Chandrahaar (Hindi Drama) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Apne Apne Ajnabi (Hindi Novel) by Agyeya, अज्ञेय
Cover of the book Harivanshrai Bachchan Ki Kavitayen by Agyeya, अज्ञेय
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy