Vardaan (Hindi Novel)

वरदान

Fiction & Literature, Psychological
Cover of the book Vardaan (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द, Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द ISBN: 9781613011447
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: May 5, 2013
Imprint: Language: Hindi
Author: Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
ISBN: 9781613011447
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: May 5, 2013
Imprint:
Language: Hindi
‘वरदान’ दो प्रेमियों की दुखांत कथा है। ऐसे दो प्रेमी जो बचपन में साथ-साथ खेले, जिन्होंने तरुणाई में भावी जीवन की सरल और कोमल कल्पनाएं संजोईं, जिनके सुन्दर घर के निर्माण के अपने सपने थे और भावी जीवन के निर्धारण के लिए अपनी विचारधारा थी। किन्तु उनकी कल्पनाओं का महल शीघ्र ढह गया। विश्व के महान कथा-शिल्पी प्रेमचन्द के उपन्यास वरदान में सुदामा अष्टभुजा देवी से एक ऐसे सपूत का वरदान मांगती है, जो जाति की भलाई में संलग्न हो। इसी ताने-बाने पर प्रेमचन्द की सशक्त कलम से बुना कथानक जीवन की स्थितियों की बारीकी से पड़ताल करता है। सुदामा का पुत्र प्रताप एक ऐसा पात्र है जो दीन-दुखियों, रोगियों, दलितों की निःस्वार्थ सहायता करता है। इसमें विरजन और प्रताप की प्रेम-कथा भी है; और है विरजन तथा कमलाचरण के अनमेल विवाह का मार्मिक प्रसंग। इसी तरह एक माधवी है, जो प्रताप के प्रति भाव से भर उठती है, लेकिन अंत में वह संन्यासी को मोहपाश में बांधने की जगह स्वयं योगिनी बनना पसंद करती है।
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
‘वरदान’ दो प्रेमियों की दुखांत कथा है। ऐसे दो प्रेमी जो बचपन में साथ-साथ खेले, जिन्होंने तरुणाई में भावी जीवन की सरल और कोमल कल्पनाएं संजोईं, जिनके सुन्दर घर के निर्माण के अपने सपने थे और भावी जीवन के निर्धारण के लिए अपनी विचारधारा थी। किन्तु उनकी कल्पनाओं का महल शीघ्र ढह गया। विश्व के महान कथा-शिल्पी प्रेमचन्द के उपन्यास वरदान में सुदामा अष्टभुजा देवी से एक ऐसे सपूत का वरदान मांगती है, जो जाति की भलाई में संलग्न हो। इसी ताने-बाने पर प्रेमचन्द की सशक्त कलम से बुना कथानक जीवन की स्थितियों की बारीकी से पड़ताल करता है। सुदामा का पुत्र प्रताप एक ऐसा पात्र है जो दीन-दुखियों, रोगियों, दलितों की निःस्वार्थ सहायता करता है। इसमें विरजन और प्रताप की प्रेम-कथा भी है; और है विरजन तथा कमलाचरण के अनमेल विवाह का मार्मिक प्रसंग। इसी तरह एक माधवी है, जो प्रताप के प्रति भाव से भर उठती है, लेकिन अंत में वह संन्यासी को मोहपाश में बांधने की जगह स्वयं योगिनी बनना पसंद करती है।

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Meri Kahaniyan-Narendra Kohali (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Mera Jivan Tatha Dhyeya (Hindi Self-help) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Mai Sadak Hoon (Hindi Poetry) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-28 by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Path Ke Daavedaar (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Meri Kahaniyan-Vidyasagar Nautiyal (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Suraj Ka Satvan Ghoda (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Begam Aur Gulaam (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Gaban (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Neelambara (Hindi Poetry) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Nadi Ke Dweep (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Jalti Chattan (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Meri Kahania-Jaishankar Prasad-1(Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Sapt Suman (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Kalam, Talwar Aur Tyag-1 (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy