कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ

Kuch Tum Kaho Kuch Main Kahu

Fiction & Literature, Poetry
Cover of the book कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ by Vinod Sagar, Book Bazooka
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Vinod Sagar ISBN: 1230002060163
Publisher: Book Bazooka Publication: December 22, 2017
Imprint: Language: English
Author: Vinod Sagar
ISBN: 1230002060163
Publisher: Book Bazooka
Publication: December 22, 2017
Imprint:
Language: English

मैंने ‘कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ’ काव्य-संग्रह को ‘यादों में तुम’ (काव्य-संग्रह) की तरह ही पूरी तरह से प्रेम पर केंद्रित किया है और अपनी कविताओं के द्वारा प्रेम के विविध आयामों को पाठकों एवं समीक्षकों के समक्ष लाने का पूरा प्रयास किया है। इस काव्य-संग्रह में मैंने एक नया प्रयोग करने की कोशिश भी की है। प्रस्तुत काव्य-संग्रह में कुल एक सौ इक्कीस प्रेम-कविताएँ हैं और मज़े की बात यह है कि जहाँ पहली कविता प्रेमी के पक्ष से लिखी है, वहीं दूसरी कविता प्रेमिका के पक्ष से लिखी है। मैंने इस काव्य-संग्रह के माध्यम से भौतिकवादी प्रेम से प्रेमी एवं प्रेमिकाओं को बचने की नसीहत देने की कोशिश की है, वहीं प्रेम पर लिखे प्रमुख बिन्दुओं द्वारा प्रेम को सफलता एवं सफल जीवन से जोड़ने का अकिंचन-सा प्रयास किया है, जो आपको पसंद आएगा।

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

मैंने ‘कुछ तुम कहो कुछ मैं कहूँ’ काव्य-संग्रह को ‘यादों में तुम’ (काव्य-संग्रह) की तरह ही पूरी तरह से प्रेम पर केंद्रित किया है और अपनी कविताओं के द्वारा प्रेम के विविध आयामों को पाठकों एवं समीक्षकों के समक्ष लाने का पूरा प्रयास किया है। इस काव्य-संग्रह में मैंने एक नया प्रयोग करने की कोशिश भी की है। प्रस्तुत काव्य-संग्रह में कुल एक सौ इक्कीस प्रेम-कविताएँ हैं और मज़े की बात यह है कि जहाँ पहली कविता प्रेमी के पक्ष से लिखी है, वहीं दूसरी कविता प्रेमिका के पक्ष से लिखी है। मैंने इस काव्य-संग्रह के माध्यम से भौतिकवादी प्रेम से प्रेमी एवं प्रेमिकाओं को बचने की नसीहत देने की कोशिश की है, वहीं प्रेम पर लिखे प्रमुख बिन्दुओं द्वारा प्रेम को सफलता एवं सफल जीवन से जोड़ने का अकिंचन-सा प्रयास किया है, जो आपको पसंद आएगा।

More books from Book Bazooka

Cover of the book यादों में तुम by Vinod Sagar
Cover of the book सावन मन का भी हरा है by Vinod Sagar
Cover of the book मैं कातिल हूँ ....मेरी दादी का.... by Vinod Sagar
Cover of the book Simantini by Vinod Sagar
Cover of the book ILLI and GRANNY by Vinod Sagar
Cover of the book A Fragment of My Heart by Vinod Sagar
Cover of the book यादो के कुछ मोती by Vinod Sagar
Cover of the book जज्बात-ए-क़लम- एक खूबसूरत एहसास by Vinod Sagar
Cover of the book Motivational and Self Regulated Learning of Creative Students by Vinod Sagar
Cover of the book अनुनाद by Vinod Sagar
Cover of the book प्रत्याशा एक पग पथ की ओर by Vinod Sagar
Cover of the book Premanjali by Vinod Sagar
Cover of the book अल्फ़ाज़-ए-मोहब्बत by Vinod Sagar
Cover of the book खलिश by Vinod Sagar
Cover of the book कुछ रंग ज़िन्दगी के by Vinod Sagar
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy