Meri Kahaniyan-Manohar Shyam Joshi (Hindi Stories)

मेरी कहानियाँ-मनोहर श्याम जोशी

Nonfiction, Reference & Language, Foreign Languages, Indic & South Asian Languages, Fiction & Literature, Short Stories, Historical
Cover of the book Meri Kahaniyan-Manohar Shyam Joshi (Hindi Stories) by Manohar Shyam Joshi, मनोहर श्याम जोशी, Bhartiya Sahitya Inc.
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Author: Manohar Shyam Joshi, मनोहर श्याम जोशी ISBN: 9781613012109
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: March 10, 2013
Imprint: Language: Hindi
Author: Manohar Shyam Joshi, मनोहर श्याम जोशी
ISBN: 9781613012109
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: March 10, 2013
Imprint:
Language: Hindi
जोशी जी ने कहानियों का सृजन करते हुए यह अनुभव किया कि उनमें जीवन के वैविध्य और विस्तार के लिए बहुत कम जगह होती है। यह जगह तो रचना-कर्म में उपन्यास के ही पास होती है। इसीलिए वे कहानी-कला से धीरे-धीरे हटते गए और उपन्यास की व्यापकता में जीवन-जगत् की आंतरिक-बाह्य अर्थध्वनियों, अनुगूँजों, वक्रताओं और प्रकरणों-संदर्भो में पूरी तरह उतरते चले गए। प्रथम पुरुष में जीवन-संघर्ष की कहानी कहने का स्वभाव बनाया और मनोभूमिका से युग की चिंताओं-प्रश्नाकुलताओं को अभिव्यक्ति देने का नया रचना-मुहावरा ईजाद किया। किसी की नक़ल नहीं की। अपनी अक्ल से मौलिकता को टेरा-बटेरा और सृष्टि की है। अपने कमाए सत्य को प्रामाणिक कसौटी माना। मँगनी के सुख-साज से दूर रहे। अपने अनुभव की भट्टी में गले-पके और अंतर्दृष्टि में निखरे।
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जोशी जी ने कहानियों का सृजन करते हुए यह अनुभव किया कि उनमें जीवन के वैविध्य और विस्तार के लिए बहुत कम जगह होती है। यह जगह तो रचना-कर्म में उपन्यास के ही पास होती है। इसीलिए वे कहानी-कला से धीरे-धीरे हटते गए और उपन्यास की व्यापकता में जीवन-जगत् की आंतरिक-बाह्य अर्थध्वनियों, अनुगूँजों, वक्रताओं और प्रकरणों-संदर्भो में पूरी तरह उतरते चले गए। प्रथम पुरुष में जीवन-संघर्ष की कहानी कहने का स्वभाव बनाया और मनोभूमिका से युग की चिंताओं-प्रश्नाकुलताओं को अभिव्यक्ति देने का नया रचना-मुहावरा ईजाद किया। किसी की नक़ल नहीं की। अपनी अक्ल से मौलिकता को टेरा-बटेरा और सृष्टि की है। अपने कमाए सत्य को प्रामाणिक कसौटी माना। मँगनी के सुख-साज से दूर रहे। अपने अनुभव की भट्टी में गले-पके और अंतर्दृष्टि में निखरे।

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