Meri Kahaniyan-Kamleshwar (Hindi Stories)

मेरी कहानियाँ-कमलेश्वर

Nonfiction, Reference & Language, Foreign Languages, Indic & South Asian Languages, Fiction & Literature, Short Stories, Historical
Cover of the book Meri Kahaniyan-Kamleshwar (Hindi Stories) by Kamleshwar, कमलेश्वर, Bhartiya Sahitya Inc.
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Author: Kamleshwar, कमलेश्वर ISBN: 9781613010938
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: January 15, 2013
Imprint: Language: Hindi
Author: Kamleshwar, कमलेश्वर
ISBN: 9781613010938
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: January 15, 2013
Imprint:
Language: Hindi
कहानियाँ मेरे लिए मूलतः ‘असहमति’ का माध्यम हैं। इस असहमति के स्तर और क्षेत्र क्या रहे हैं, यह कहानियाँ खुद ही बता देंगी। जब से अपने चारों तरफ की दुनिया की ओर देखना शुरू किया तो पाया, कहीं कुछ भी नहीं बदल रहा था, इसलिए मुझे बदलना पड़ा। मुझे मेरे चारों ओर के कटु यथार्थ ने बदल दिया। दसवाँ पास करते-करते क्रान्तिकारी समाजवादी पार्टी के प्रगाढ़ सम्पर्क में आया, मार्क्सवाद की सक्रिय पाठशाला में शामिल हुआ और ‘जनक्रान्ति’ में शहीदों के जीवन-चरित्र पर छोटे-छोटे लेख लिखने शुरू किए—वहीं से शायद लेखन की विधिवत् दीक्षा मिली, और फिर उसी में अपने निर्णय जुड़ते गए। यही कहानियाँ, ‘निर्णयों का पर्याय’ बनती गईं। मेरे लिए मेरी कहानियाँ समय की धुरी पर घूमती सामान्य सच्चाइयों के प्रति और पक्ष में लिए गए निर्णयों की कहानियाँ हैं। कहानी यदि लेखक का ‘निर्णय’ नहीं है, तो क्या है?
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कहानियाँ मेरे लिए मूलतः ‘असहमति’ का माध्यम हैं। इस असहमति के स्तर और क्षेत्र क्या रहे हैं, यह कहानियाँ खुद ही बता देंगी। जब से अपने चारों तरफ की दुनिया की ओर देखना शुरू किया तो पाया, कहीं कुछ भी नहीं बदल रहा था, इसलिए मुझे बदलना पड़ा। मुझे मेरे चारों ओर के कटु यथार्थ ने बदल दिया। दसवाँ पास करते-करते क्रान्तिकारी समाजवादी पार्टी के प्रगाढ़ सम्पर्क में आया, मार्क्सवाद की सक्रिय पाठशाला में शामिल हुआ और ‘जनक्रान्ति’ में शहीदों के जीवन-चरित्र पर छोटे-छोटे लेख लिखने शुरू किए—वहीं से शायद लेखन की विधिवत् दीक्षा मिली, और फिर उसी में अपने निर्णय जुड़ते गए। यही कहानियाँ, ‘निर्णयों का पर्याय’ बनती गईं। मेरे लिए मेरी कहानियाँ समय की धुरी पर घूमती सामान्य सच्चाइयों के प्रति और पक्ष में लिए गए निर्णयों की कहानियाँ हैं। कहानी यदि लेखक का ‘निर्णय’ नहीं है, तो क्या है?

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