Author: | Gulshan Nanda, गुलशन नन्दा | ISBN: | 9781613015568 |
Publisher: | Bhartiya Sahitya Inc. | Publication: | December 20, 2014 |
Imprint: | Language: | Hindi |
Author: | Gulshan Nanda, गुलशन नन्दा |
ISBN: | 9781613015568 |
Publisher: | Bhartiya Sahitya Inc. |
Publication: | December 20, 2014 |
Imprint: | |
Language: | Hindi |
रमन, यह नया संसार है। नव आशाएँ, नव आकांक्षाएँ, इन साधारण बातों से क्या भय। वह देखो सामने लहराते हुए खेत! इसमें कितने विभिन्न व्यक्ति काम करते हैं और इस धरती का भला ही होता है...वह देखो बल खाती हुई नदी। इसके दो किनारे हैं और नदी को प्रवाह देने के लिए दोनों का होना आवश्यक है।' 'एक नदी दो किनारे...जीवन-भर एक-दूसरे को देखते हैं, परन्तु कभी मिल नहीं पाते।' 'दोनों किनारे मिल भी सकते हैं।' 'कैसे?'!
रमन, यह नया संसार है। नव आशाएँ, नव आकांक्षाएँ, इन साधारण बातों से क्या भय। वह देखो सामने लहराते हुए खेत! इसमें कितने विभिन्न व्यक्ति काम करते हैं और इस धरती का भला ही होता है...वह देखो बल खाती हुई नदी। इसके दो किनारे हैं और नदी को प्रवाह देने के लिए दोनों का होना आवश्यक है।' 'एक नदी दो किनारे...जीवन-भर एक-दूसरे को देखते हैं, परन्तु कभी मिल नहीं पाते।' 'दोनों किनारे मिल भी सकते हैं।' 'कैसे?'!