जब हम कहते हैं कि आज का ही जगत् कल का भावी जगत् होता है, तो इसका क्या अर्थ है? आज के मनुष्य और उनका योगदान ही भविष्य का जगत् बनेगा। उनकी अपनी जीवन शैली होगी। आज के बयोवृद्ध पुरुष भले ही भविष्य में न रह जायें, किन्तु आज के बच्चे तो भविष्य में रहेंगे। अत: यह स्वाभाविक है कि हम वर्तमान बच्चों का सुन्दर स्वभाव निर्मित करें, उन्हें उच्च मूल्यों का आदर करना सिखावें उनके आदर्श ओर विचार महान् हों तो निश्चय ही हम एक सुन्दर और व्यवस्थित भविष्य बनने की आशा कर सकते हैं। हम अभी जैसा उत्कृष्ट जगत् देखना चाहते हैं वह भविष्य में बन सकता है।
जब हम कहते हैं कि आज का ही जगत् कल का भावी जगत् होता है, तो इसका क्या अर्थ है? आज के मनुष्य और उनका योगदान ही भविष्य का जगत् बनेगा। उनकी अपनी जीवन शैली होगी। आज के बयोवृद्ध पुरुष भले ही भविष्य में न रह जायें, किन्तु आज के बच्चे तो भविष्य में रहेंगे। अत: यह स्वाभाविक है कि हम वर्तमान बच्चों का सुन्दर स्वभाव निर्मित करें, उन्हें उच्च मूल्यों का आदर करना सिखावें उनके आदर्श ओर विचार महान् हों तो निश्चय ही हम एक सुन्दर और व्यवस्थित भविष्य बनने की आशा कर सकते हैं। हम अभी जैसा उत्कृष्ट जगत् देखना चाहते हैं वह भविष्य में बन सकता है।