Goswami Tulsidas(Hindi Epic)

गोस्वामी तुलसीदास

Nonfiction, Reference & Language, Foreign Languages, Indic & South Asian Languages, Fiction & Literature, Poetry
Cover of the book Goswami Tulsidas(Hindi Epic) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' ISBN: 9781613015506
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: October 11, 2014
Imprint: Language: Hindi
Author: Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
ISBN: 9781613015506
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: October 11, 2014
Imprint:
Language: Hindi
पद्य में कहानी कहने की प्रथा प्राचीनकाल से प्रचलित है। प्रस्तुत कविता भी एक कथा-वस्तु को लेकर निर्मित हुई है। गोस्वामी तुलसीदास किस प्रकार अपनी स्त्री पर अत्यधिक आसक्त थे, और बाद को उसी के द्वारा उन्हें किस प्रकार राम की भक्ति का निर्देश हुआ,--यह कथा जन-साधारण में प्रचलित है। इसी कथा की नींव पर कवि ने इस लम्बी कविता की रचना की है; कारण यह है कि उसने कथा-तत्त्व में और बहुत-सी बातें देखी हैं जो जन-साधारण की दृष्टि से ओझल रही हैं। तुलसी का प्रथम अध्ययन, पश्चात् पूर्व संस्कारों का उदय, प्रकति-दर्शन और जिज्ञासा, नारी से मोह, मानसिक संघर्ष और अंत में नारी द्वारा ही विजय आदि वे मनोवैज्ञानिक समस्याएँ हैं जिन्हें लेकर कवि ने कथा को विस्तार दिया है। यहाँ रहस्यवाद से सम्बन्ध रखनेवाली भावना-प्रणाली विश्लेषण करना कवि का इष्ट रहा है। कथा को प्राधान्य देने वाली कविताएँ हिंदी में शतश: हैं; मनोविज्ञान को आधार मान पद्ध में लिखी जानेवाली कविताओं में यह एक ही है।.... इस तरह हिंदी जाति के सबसे बड़े जातीय कवि की जीवन-कथा के द्वारा निराला ने अपनी समसामयिक परिस्थितियों में रास्ता निकालने का संकेत दिया है।
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
पद्य में कहानी कहने की प्रथा प्राचीनकाल से प्रचलित है। प्रस्तुत कविता भी एक कथा-वस्तु को लेकर निर्मित हुई है। गोस्वामी तुलसीदास किस प्रकार अपनी स्त्री पर अत्यधिक आसक्त थे, और बाद को उसी के द्वारा उन्हें किस प्रकार राम की भक्ति का निर्देश हुआ,--यह कथा जन-साधारण में प्रचलित है। इसी कथा की नींव पर कवि ने इस लम्बी कविता की रचना की है; कारण यह है कि उसने कथा-तत्त्व में और बहुत-सी बातें देखी हैं जो जन-साधारण की दृष्टि से ओझल रही हैं। तुलसी का प्रथम अध्ययन, पश्चात् पूर्व संस्कारों का उदय, प्रकति-दर्शन और जिज्ञासा, नारी से मोह, मानसिक संघर्ष और अंत में नारी द्वारा ही विजय आदि वे मनोवैज्ञानिक समस्याएँ हैं जिन्हें लेकर कवि ने कथा को विस्तार दिया है। यहाँ रहस्यवाद से सम्बन्ध रखनेवाली भावना-प्रणाली विश्लेषण करना कवि का इष्ट रहा है। कथा को प्राधान्य देने वाली कविताएँ हिंदी में शतश: हैं; मनोविज्ञान को आधार मान पद्ध में लिखी जानेवाली कविताओं में यह एक ही है।.... इस तरह हिंदी जाति के सबसे बड़े जातीय कवि की जीवन-कथा के द्वारा निराला ने अपनी समसामयिक परिस्थितियों में रास्ता निकालने का संकेत दिया है।

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Meri Kahaniyan-Vidyasagar Nautiyal (Hindi Stories) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Kripa (Hindi Rligious) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-20 by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Meri Kahaniyan-Bhishm Sahani (Hindi Stories) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Chhuna Bas Man (Hindi Poetry) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Navnidhi (Hindi Stories) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Prem Pachisi (Hindi Stories) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-31 by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Sugreev Aur Vibhishan (Hindi Religious) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Hamare Bachche-Hamara Bhavishya (Hindi Self-help) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Mukul Tatha Anya Kavitayein (Hindi Poetry) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Chandrahaar (Hindi Drama) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Meri Kahaniyan-Ravindra Kaliya (Hindi Stories) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Shrikant (Hindi Novel) by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-33 by Suryakant Tripathi 'Nirala', सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy