Author: | Asha Mittal | ISBN: | 9781545729137 |
Publisher: | Prowess Publishing | Publication: | May 21, 2018 |
Imprint: | Prowess Publishing | Language: | English |
Author: | Asha Mittal |
ISBN: | 9781545729137 |
Publisher: | Prowess Publishing |
Publication: | May 21, 2018 |
Imprint: | Prowess Publishing |
Language: | English |
कसक' शब्द इंसान की उस मानसिक स्थिति / पीड़ा को व्यक्त करता है जिसकी अनुभूति भीतर ही भीतर एक सिहरन पैदा करती है जो कभी दुखदायी लगती है और कभी मधुर। अकेलापन, परेशानी, निराशा, या किसी के प्रति अव्यक्त प्रेम की भावनाएं इत्यादि भी कसक उत्पन्न करती हैं। आशा मित्तल ने इन भावनाओं को, विशेष रूप से महिलाओं में, शब्दों के प्राकृतिक प्रवाह के साथ सरल भाषा में पिरोया है। इस पुस्तक में उनकी कविताएं, जैसे 'हे प्रिय तुम आ ना पाए' , 'माँ की कसक' , और 'मेरी वीणा बिलख रही है' कसक शीर्षक के अनुरूप हैं। पुस्तक में लेखिका की एक संक्षिप्त आत्म कथा भी शामिल है जो हमारे भारतीय समाज की उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हो सकती है जो कष्टप्रद वैवाहिक जीवन के कारण पीड़ित हैं।
कसक' शब्द इंसान की उस मानसिक स्थिति / पीड़ा को व्यक्त करता है जिसकी अनुभूति भीतर ही भीतर एक सिहरन पैदा करती है जो कभी दुखदायी लगती है और कभी मधुर। अकेलापन, परेशानी, निराशा, या किसी के प्रति अव्यक्त प्रेम की भावनाएं इत्यादि भी कसक उत्पन्न करती हैं। आशा मित्तल ने इन भावनाओं को, विशेष रूप से महिलाओं में, शब्दों के प्राकृतिक प्रवाह के साथ सरल भाषा में पिरोया है। इस पुस्तक में उनकी कविताएं, जैसे 'हे प्रिय तुम आ ना पाए' , 'माँ की कसक' , और 'मेरी वीणा बिलख रही है' कसक शीर्षक के अनुरूप हैं। पुस्तक में लेखिका की एक संक्षिप्त आत्म कथा भी शामिल है जो हमारे भारतीय समाज की उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हो सकती है जो कष्टप्रद वैवाहिक जीवन के कारण पीड़ित हैं।