Author: | पलक मांगलिक, रूही भार्गव | ISBN: | 9781642490442 |
Publisher: | Notion Press | Publication: | March 7, 2018 |
Imprint: | Notion Press | Language: | Hindi |
Author: | पलक मांगलिक, रूही भार्गव |
ISBN: | 9781642490442 |
Publisher: | Notion Press |
Publication: | March 7, 2018 |
Imprint: | Notion Press |
Language: | Hindi |
अल्फाज़ ना कह सके जो,
शब्दों ने कह दिया,
उड़ान के ज़रिए दिल का तूफान थम गया।
हर पलटते पन्ने की एक नई कहानी है,
लब ना कह सके जो,
वो उड़ान के ज़रिए कहने की एक छोटी सी कोशिश की है।
हर किसी की अपनी एक कहानी होती है। कुछ कहानियाँ ज़मीन से शुरू होती है और आसमान में उड़ती हैं, तो कुछ को उड़ान देने की ज़रूरत होती है, यानि, बस एक कोशिश करनी होती है । "उड़ान" के ज़रिए सभी को बस यही संदेश देना है, कि अपनी कहानी ख़ुद लिखिए। किसी की प्रतीक्षा में मत रहिए। क्योंकि अपने दिल को उड़ान देना ज़रूरी है। "उड़ान" कहानी है कुछ खामोश लबों की, नम आँखों की, कुछ टूटे दिलों की, कुछ ज़िन्दगी की, कुछ रिश्तों की और कुछ मोहब्बत की। ज़रा झांकिए, कहीं आपकी कहानी ही अंकित ना हो इन पन्नों में।
अल्फाज़ ना कह सके जो,
शब्दों ने कह दिया,
उड़ान के ज़रिए दिल का तूफान थम गया।
हर पलटते पन्ने की एक नई कहानी है,
लब ना कह सके जो,
वो उड़ान के ज़रिए कहने की एक छोटी सी कोशिश की है।
हर किसी की अपनी एक कहानी होती है। कुछ कहानियाँ ज़मीन से शुरू होती है और आसमान में उड़ती हैं, तो कुछ को उड़ान देने की ज़रूरत होती है, यानि, बस एक कोशिश करनी होती है । "उड़ान" के ज़रिए सभी को बस यही संदेश देना है, कि अपनी कहानी ख़ुद लिखिए। किसी की प्रतीक्षा में मत रहिए। क्योंकि अपने दिल को उड़ान देना ज़रूरी है। "उड़ान" कहानी है कुछ खामोश लबों की, नम आँखों की, कुछ टूटे दिलों की, कुछ ज़िन्दगी की, कुछ रिश्तों की और कुछ मोहब्बत की। ज़रा झांकिए, कहीं आपकी कहानी ही अंकित ना हो इन पन्नों में।