Sant Tulsidas Aur Unka Sahitya : संत तुलसीदास और उनका साहित्य

Nonfiction, Religion & Spirituality, Eastern Religions, Hinduism
Cover of the book Sant Tulsidas Aur Unka Sahitya : संत तुलसीदास और उनका साहित्य by Swami Anand Kulshreshtha, Diamond Pocket Books Pvt ltd.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Swami Anand Kulshreshtha ISBN: 9789352617920
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd. Publication: February 4, 2017
Imprint: Language: Hindi
Author: Swami Anand Kulshreshtha
ISBN: 9789352617920
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd.
Publication: February 4, 2017
Imprint:
Language: Hindi

तुलसीदास ने अपने नीति वचनों को दोहों की शक्ल में ढालकर जनमानस में एक चेतना का संचार करने का प्रयास किया है बल्कि जीवन के विविध पहलुओं को उजागर कर धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त किया है। हमने यही कारण है कि महाकवि तुलसी के जीवन परिचय का जिक्र करने के साथ-साथ दोहों को भी पर्याप्त स्थान दिया है। इसके अतिरिक्त रामचरित मानस के चुनिंदे दोहों और चौपाइयों को भी हमने इस पुस्तक में स्थान दिया है ताकि इस पुस्तक की गुणवता में और भी अधिक वृद्धि हो जाए और जनमानस को इसका पर्याप्त लाभ मिल सके।

तुलसी दास मूलतः रामभक्त थे और उन्होंने जो कुछ भी लिखा राम के विषय में ही लिखा। तुलसी एक कवि से पहले एक भक्त थे, जिससे राम को आधर बनकर नीति और धर्म परक रचनाएं लिखीं। इस पुस्तक में भी तुलसी ने राम के चरित्रा की विशालता, उदारता, दानशीलता और क्षमाशीलता का गुणगान किया है। दोहावली के विषय में बहुत कम लोग ही जानते हैं रामचरित मानस की तुलना में .....। इस तथ्य को ध्यान में रखकर ही हमने तुलसी कृत दोहावली की सरल भाषा में अनुवाद कर पाठकों के सामने प्रस्तुत किया है हमें पूरा विश्वास है कि यह पुस्तक सबको पसंद आएगी।

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

तुलसीदास ने अपने नीति वचनों को दोहों की शक्ल में ढालकर जनमानस में एक चेतना का संचार करने का प्रयास किया है बल्कि जीवन के विविध पहलुओं को उजागर कर धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त किया है। हमने यही कारण है कि महाकवि तुलसी के जीवन परिचय का जिक्र करने के साथ-साथ दोहों को भी पर्याप्त स्थान दिया है। इसके अतिरिक्त रामचरित मानस के चुनिंदे दोहों और चौपाइयों को भी हमने इस पुस्तक में स्थान दिया है ताकि इस पुस्तक की गुणवता में और भी अधिक वृद्धि हो जाए और जनमानस को इसका पर्याप्त लाभ मिल सके।

तुलसी दास मूलतः रामभक्त थे और उन्होंने जो कुछ भी लिखा राम के विषय में ही लिखा। तुलसी एक कवि से पहले एक भक्त थे, जिससे राम को आधर बनकर नीति और धर्म परक रचनाएं लिखीं। इस पुस्तक में भी तुलसी ने राम के चरित्रा की विशालता, उदारता, दानशीलता और क्षमाशीलता का गुणगान किया है। दोहावली के विषय में बहुत कम लोग ही जानते हैं रामचरित मानस की तुलना में .....। इस तथ्य को ध्यान में रखकर ही हमने तुलसी कृत दोहावली की सरल भाषा में अनुवाद कर पाठकों के सामने प्रस्तुत किया है हमें पूरा विश्वास है कि यह पुस्तक सबको पसंद आएगी।

More books from Diamond Pocket Books Pvt ltd.

Cover of the book Ramayan Ke Amar Patra : Mahabali Ravan : महाबली रावण by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Mahatma Gandhi by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Shunya by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book The Volcano by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Ramayan Ke Amar Patra : Maharaja Janak by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Scientific Bases of Hindu Beliefs by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Kiran Bedi by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Maut Ka Safar by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Patyala Down the Throat by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Chandrakanta Santati by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Ananda Math by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Read and Learn by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Gandhi Aur Management by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Diamond Rashifal 2017 : Tula by Swami Anand Kulshreshtha
Cover of the book Dynamic Memory Success in Exams with Better Marks by Swami Anand Kulshreshtha
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy