Rigveda : ऋग्वेद

Nonfiction, Religion & Spirituality, Eastern Religions, Hinduism
Cover of the book Rigveda : ऋग्वेद by Rajbahadur Pandey, Diamond Pocket Books Pvt ltd.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Rajbahadur Pandey ISBN: 9789352612925
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd. Publication: November 4, 2016
Imprint: Language: Hindi
Author: Rajbahadur Pandey
ISBN: 9789352612925
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd.
Publication: November 4, 2016
Imprint:
Language: Hindi

इतने विस्तृत और वृहद ग्रंथ को अल्पकाय पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करना था, अत: सार-संक्षेप-प्रवृत्ति वर्णित विषय को एक जगह करके संक्षेप रूप में ही प्रकट किया गया है । जैसे मान लीजिए, अध्याय में ‘अग्नि’ से सम्बन्धित सूक्त वश हैं, किन्तु वे एक क्रम में न होकर अलग-अलग बिखरे हैं, तो हमने उन सबको एक जगह करके संक्षेप में प्रस्तुत किया है ।

ऋग्वेद विज्ञानकांड का ग्रंथ है । ऋग्वेद शब्द दो शब्दों के मिलने से बना है- ऋक् और वेद । ऋक् शब्द संस्कृत की ऋच् धातु से बना है । ऋच् धातु का अर्थ है-स्तुति । स्तुति का अर्थ हैं-गुण और गुणी का वर्णन और गुण तथा गुणी का वर्णन-विश्लेषण-प्रतिपादन ही विज्ञान का विषय है; इसीलिए ऋग्वेद को विज्ञानकांड का ग्रन्थ माना जाता है । विज्ञान में ज्ञान, कर्म, उपासना सभी विद्यमान रहते है । अत: ऋग्वेद के मन्त्रों में भी ये तीनों है ।

 ऋग्वेद में दस हजार पांच सौ नवासी मन्त्र है जो कि दस सौ अट्ठाईस सूक्तों के रूप में प्रकट किए गये है । सूक्त का अर्थ हैं-सुन्दर कथन-सु+उक्त= सूक्त । सूक्त में कई मन्त्र होते हैं जिनमें कोई बात सुन्दरता से कही गयी होती है, इसीलिए ऐसे मन्त्र-समूह को जिसमें कोई वर्णन सुन्दरता से किया गया हो, सूक्त कहा जाता है ।

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

इतने विस्तृत और वृहद ग्रंथ को अल्पकाय पुस्तक के रूप में प्रस्तुत करना था, अत: सार-संक्षेप-प्रवृत्ति वर्णित विषय को एक जगह करके संक्षेप रूप में ही प्रकट किया गया है । जैसे मान लीजिए, अध्याय में ‘अग्नि’ से सम्बन्धित सूक्त वश हैं, किन्तु वे एक क्रम में न होकर अलग-अलग बिखरे हैं, तो हमने उन सबको एक जगह करके संक्षेप में प्रस्तुत किया है ।

ऋग्वेद विज्ञानकांड का ग्रंथ है । ऋग्वेद शब्द दो शब्दों के मिलने से बना है- ऋक् और वेद । ऋक् शब्द संस्कृत की ऋच् धातु से बना है । ऋच् धातु का अर्थ है-स्तुति । स्तुति का अर्थ हैं-गुण और गुणी का वर्णन और गुण तथा गुणी का वर्णन-विश्लेषण-प्रतिपादन ही विज्ञान का विषय है; इसीलिए ऋग्वेद को विज्ञानकांड का ग्रन्थ माना जाता है । विज्ञान में ज्ञान, कर्म, उपासना सभी विद्यमान रहते है । अत: ऋग्वेद के मन्त्रों में भी ये तीनों है ।

 ऋग्वेद में दस हजार पांच सौ नवासी मन्त्र है जो कि दस सौ अट्ठाईस सूक्तों के रूप में प्रकट किए गये है । सूक्त का अर्थ हैं-सुन्दर कथन-सु+उक्त= सूक्त । सूक्त में कई मन्त्र होते हैं जिनमें कोई बात सुन्दरता से कही गयी होती है, इसीलिए ऐसे मन्त्र-समूह को जिसमें कोई वर्णन सुन्दरता से किया गया हो, सूक्त कहा जाता है ।

More books from Diamond Pocket Books Pvt ltd.

Cover of the book Dr. Radhakrishnan : डॉ. राधाकृष्णन by Rajbahadur Pandey
Cover of the book That Hardly Happens To Someone by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Chanakya by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Golden Sutras of Success by Rajbahadur Pandey
Cover of the book DIAMOND RASHIFAL MAKAR 2019 by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Mahabharat by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Chhatrapati Shivaji by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Diamond Horoscope 2017 : Cancer by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Sri Aurobindo by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Benjamin Franklin Ki Aatmkatha by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Swami Dayanand Saraswati by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Diamond Horoscope 2017 : Libra by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Diamond Horoscope 2017 : Aries by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Diabetes Educators‘ Success Stories by Rajbahadur Pandey
Cover of the book Kiran Bedi by Rajbahadur Pandey
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy