Brahmvaivart Puran

Nonfiction, Religion & Spirituality, Philosophy
Cover of the book Brahmvaivart Puran by Dr. Vinay, Diamond Pocket Books Pvt ltd.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Dr. Vinay ISBN: 9789352962167
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd. Publication: March 30, 2019
Imprint: Language: Hindi
Author: Dr. Vinay
ISBN: 9789352962167
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd.
Publication: March 30, 2019
Imprint:
Language: Hindi

भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रंथों का महत्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं । पुराण-साहित्य भारतीय जीवन और साहित्य की अक्षुण्ण निधि हैं । इनमें मानव जीवन के उत्कर्ष और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती हैं । कर्मकांड से ज्ञान की ओर आते हुए भारतीय मानस चिंतन के बाद भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित हुई । विकास की इसी प्रक्रिया में बहुदेववाद और निर्गुण ब्रह्म की स्वरूपात्मक व्याख्या से धीरे-धीरे भारतीय मानस अवतारवाद या सगुण भक्ति की ओर प्रेरित हुआ । अठारह पुराणों में अलग- अलग देवी देवताओं को केन्द्र मान कर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएं कही गई हैं ।
आज के निरन्तर द्वन्द्व के युग में पुराणों का पठन मनुष्य को उस द्वन्द्व से मुक्ति दिलाने में एक निश्चित दिशा दे सकता है और मानवता के मूल्यों की स्थापना में एक सफल प्रयास सिद्ध हो सकता है । इसी उद्देश्य को सामने रख कर पाठकों की रुचि के अनुसार सरल, सहज भाषा में पुराण साहित्य की श्रृंखला में यह पुस्तक प्रस्तुत है

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रंथों का महत्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं । पुराण-साहित्य भारतीय जीवन और साहित्य की अक्षुण्ण निधि हैं । इनमें मानव जीवन के उत्कर्ष और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती हैं । कर्मकांड से ज्ञान की ओर आते हुए भारतीय मानस चिंतन के बाद भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित हुई । विकास की इसी प्रक्रिया में बहुदेववाद और निर्गुण ब्रह्म की स्वरूपात्मक व्याख्या से धीरे-धीरे भारतीय मानस अवतारवाद या सगुण भक्ति की ओर प्रेरित हुआ । अठारह पुराणों में अलग- अलग देवी देवताओं को केन्द्र मान कर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएं कही गई हैं ।
आज के निरन्तर द्वन्द्व के युग में पुराणों का पठन मनुष्य को उस द्वन्द्व से मुक्ति दिलाने में एक निश्चित दिशा दे सकता है और मानवता के मूल्यों की स्थापना में एक सफल प्रयास सिद्ध हो सकता है । इसी उद्देश्य को सामने रख कर पाठकों की रुचि के अनुसार सरल, सहज भाषा में पुराण साहित्य की श्रृंखला में यह पुस्तक प्रस्तुत है

More books from Diamond Pocket Books Pvt ltd.

Cover of the book Allergy by Dr. Vinay
Cover of the book Diamond Rashifal 2017 : Mithun by Dr. Vinay
Cover of the book Power of Vaastu & Feng Shui by Dr. Vinay
Cover of the book Mother Teresa by Dr. Vinay
Cover of the book Festival of India : Baisakhi : ભારતના તહેવાર: બૈસાખી by Dr. Vinay
Cover of the book Mother Teresa: Messiah of The Poor by Dr. Vinay
Cover of the book In Fond Memory of-Myself! by Dr. Vinay
Cover of the book Nirmala : નિર્મલા by Dr. Vinay
Cover of the book Causes, Cure and Prevention of Nervous Diseases by Dr. Vinay
Cover of the book Slices from a Life by Dr. Vinay
Cover of the book India of My Dreams : Ideas of Gandhi for a Vibrant and Prosperous Modern India by Dr. Vinay
Cover of the book DIAMOND RASHIFAL MAKAR 2019 by Dr. Vinay
Cover of the book Guru Nanakdev by Dr. Vinay
Cover of the book Mahabharat Ke Amar Patra : Ekalavya : महाभारत के अमर पात्र : एकलव्य by Dr. Vinay
Cover of the book Handbook on High Blood Pressure: A Medical, Nutritional and Social Approach to Understanding of High Blood Pressure by Dr. Vinay
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy