Garud Puran : गरुड़ पुराण

Nonfiction, Religion & Spirituality, Eastern Religions, Hinduism
Cover of the book Garud Puran : गरुड़ पुराण by Dr. Vinay, Diamond Pocket Books Pvt ltd.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Dr. Vinay ISBN: 9789352618408
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd. Publication: February 20, 2017
Imprint: Language: Hindi
Author: Dr. Vinay
ISBN: 9789352618408
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd.
Publication: February 20, 2017
Imprint:
Language: Hindi

भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रंथों का महत्त्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्त्वपूर्ण माने जाते है। पुराण-साहित्य भारतीय जीवन और साहित्य की अक्षुण्ण निधि हैं। इनमें मानव जीवन के उत्कर्ष और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती है। कर्मकांड से ज्ञान की ओर जाते हुए भारतीय मानस चिंतन के बाद भक्ति की  अविरल धारा प्रवाहित हुई। विकास की इसी प्रक्रिया में बहुदेववाद और निर्गुण ब्रह्म की स्वरूपात्मक व्याख्या से धीरे-धीरे भारतीय मानस अवतारवाद या सगुण भक्ति की ओर प्रेरित हुआ। अठारह पुराणों में अलग-अलग देवी देवताओं को केन्द्र मान कर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएं कहीं गई है।

आज के निरन्तर द्वंद्व के युग में पुराणों का पठन मनुष्य को उस द्वंद्व से मुक्ति दिलाने में एक निश्चित दिशा दे सकता है और मानवता के मूल्यों को स्थापना में एक सफल प्रयास सिद्ध हो सकता है। इसी उद्देश्य को सामने रख कर पाठकों की रुचि के अनुसार सरल, सहज भाषा में पुराण साहित्य की श्रृंखला में यह पुस्तक प्रस्तुत है।

 

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

भारतीय जीवन-धारा में जिन ग्रंथों का महत्त्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्त्वपूर्ण माने जाते है। पुराण-साहित्य भारतीय जीवन और साहित्य की अक्षुण्ण निधि हैं। इनमें मानव जीवन के उत्कर्ष और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती है। कर्मकांड से ज्ञान की ओर जाते हुए भारतीय मानस चिंतन के बाद भक्ति की  अविरल धारा प्रवाहित हुई। विकास की इसी प्रक्रिया में बहुदेववाद और निर्गुण ब्रह्म की स्वरूपात्मक व्याख्या से धीरे-धीरे भारतीय मानस अवतारवाद या सगुण भक्ति की ओर प्रेरित हुआ। अठारह पुराणों में अलग-अलग देवी देवताओं को केन्द्र मान कर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएं कहीं गई है।

आज के निरन्तर द्वंद्व के युग में पुराणों का पठन मनुष्य को उस द्वंद्व से मुक्ति दिलाने में एक निश्चित दिशा दे सकता है और मानवता के मूल्यों को स्थापना में एक सफल प्रयास सिद्ध हो सकता है। इसी उद्देश्य को सामने रख कर पाठकों की रुचि के अनुसार सरल, सहज भाषा में पुराण साहित्य की श्रृंखला में यह पुस्तक प्रस्तुत है।

 

More books from Diamond Pocket Books Pvt ltd.

Cover of the book Annual Horoscope Pisces 2016 by Dr. Vinay
Cover of the book Kurma Purana : कूर्म पुराण by Dr. Vinay
Cover of the book Vikas Ka Nayak Nitish Kumar by Dr. Vinay
Cover of the book Ganesh Puran by Dr. Vinay
Cover of the book Running Around in Circles by Dr. Vinay
Cover of the book Educational Equivalency Analysis: India & USA Degrees : 108 India Degrees and Equivalency to USA degrees by Dr. Vinay
Cover of the book Diamond Horoscope 2018 : Taurus by Dr. Vinay
Cover of the book Yogayog by Dr. Vinay
Cover of the book Bhagya Par Nahi Parishram Par Vishwas Karen by Dr. Vinay
Cover of the book Diamond Rashifal 2017 : Vrishabh by Dr. Vinay
Cover of the book Dynamic Memory Group Discussion by Dr. Vinay
Cover of the book The Scarlet Pimpernel by Dr. Vinay
Cover of the book Diamond Horoscope 2017 : Leo by Dr. Vinay
Cover of the book Add Inches by Dr. Vinay
Cover of the book Cosmic Energy & The Relativity Phenomena by Dr. Vinay
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy