Author: | Prakash Manu | ISBN: | 9789352615209 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. | Publication: | October 27, 2016 |
Imprint: | Language: | English |
Author: | Prakash Manu |
ISBN: | 9789352615209 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. |
Publication: | October 27, 2016 |
Imprint: | |
Language: | English |
कहानियाँ बच्चों को खेल-खेल में बहुत कुछ सिखाती हैं। जो काम गूढ़ बातों और उपदेशों से भरे बड़े-बड़े पोथे नहीं कर पाते, उसे नन्ही-नन्ही रोचक कहानियाँ बड़े मजे से कर दिखाती हैं। इसलिए कि कहानियाँ हजारों वर्षों से बच्चों की दोस्त रही हैं और दोस्त बनी रहेंगी। बच्चे कहानियों को पढ़ते या सुनते हुए कभी नहीं थकते। और हर बार उनकी जिज्ञासा इस एक नन्हे सवाल के साथ सामने आती है कि फिर क्या हुआ नानी? बच्चा जो सुनता है, उसे गुनता ही नहीं, कहानी से जुड़ी कल्पना के पंखों पर सवार होकर हजारों मील दूर, क्षितिज के पार चला जाना चाहता है और वहाँ जो घट रहा है, उसे अपनी आँखों से देखना और महसूस करना चाहता है।
बच्चों को सीख देने वाली इक्यावन कहानियों का यह खूबसूरत रँगारंग गुलदस्ता तैयार किया है साहित्य अकादमी से पुरस्कृत, जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने। आशा है, बच्चे इनसे बहुत कुछ सीखेंगे और इन कहानियों के आनंद की फुहारों से भीगेंगे भी।
कहानियाँ बच्चों को खेल-खेल में बहुत कुछ सिखाती हैं। जो काम गूढ़ बातों और उपदेशों से भरे बड़े-बड़े पोथे नहीं कर पाते, उसे नन्ही-नन्ही रोचक कहानियाँ बड़े मजे से कर दिखाती हैं। इसलिए कि कहानियाँ हजारों वर्षों से बच्चों की दोस्त रही हैं और दोस्त बनी रहेंगी। बच्चे कहानियों को पढ़ते या सुनते हुए कभी नहीं थकते। और हर बार उनकी जिज्ञासा इस एक नन्हे सवाल के साथ सामने आती है कि फिर क्या हुआ नानी? बच्चा जो सुनता है, उसे गुनता ही नहीं, कहानी से जुड़ी कल्पना के पंखों पर सवार होकर हजारों मील दूर, क्षितिज के पार चला जाना चाहता है और वहाँ जो घट रहा है, उसे अपनी आँखों से देखना और महसूस करना चाहता है।
बच्चों को सीख देने वाली इक्यावन कहानियों का यह खूबसूरत रँगारंग गुलदस्ता तैयार किया है साहित्य अकादमी से पुरस्कृत, जाने-माने साहित्यकार प्रकाश मनु ने। आशा है, बच्चे इनसे बहुत कुछ सीखेंगे और इन कहानियों के आनंद की फुहारों से भीगेंगे भी।