Author: | Dr. Vinay | ISBN: | 9789352618804 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. | Publication: | March 17, 2017 |
Imprint: | Language: | Hindi |
Author: | Dr. Vinay |
ISBN: | 9789352618804 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. |
Publication: | March 17, 2017 |
Imprint: | |
Language: | Hindi |
पुराण साहित्य भारती, साहित्य और जीवन की अक्षुण्ण निधि है । इनमें मानव जीवन के उत्कर्ष और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती हैं । अट्ठारह पुराणों में अलग-अलग देवी-देवताओं को केंद्र में रखकर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएं कही गईं हैं । इस रूप में पुराणों का पठन और आधुनिक जीवन की सीमा में मूल्यों का स्थापन आज के मनुष्य को एक निश्चित दिशा दे सकता है ।
निरन्तर द्वन्द से मुक्ति का प्रयास मनुष्य की संस्कृति का मूल आधार है । पुराण हमें आधार देते हैं । इसी उद्देश्य को लेकर पाठकों की रुचि के अनुसार सरल, सहज भाषा में प्रस्तुत है पुराण-साहित्य की श्रृंखला में ‘लिंग पुराण’ ।
पुराण साहित्य भारती, साहित्य और जीवन की अक्षुण्ण निधि है । इनमें मानव जीवन के उत्कर्ष और अपकर्ष की अनेक गाथाएं मिलती हैं । अट्ठारह पुराणों में अलग-अलग देवी-देवताओं को केंद्र में रखकर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएं कही गईं हैं । इस रूप में पुराणों का पठन और आधुनिक जीवन की सीमा में मूल्यों का स्थापन आज के मनुष्य को एक निश्चित दिशा दे सकता है ।
निरन्तर द्वन्द से मुक्ति का प्रयास मनुष्य की संस्कृति का मूल आधार है । पुराण हमें आधार देते हैं । इसी उद्देश्य को लेकर पाठकों की रुचि के अनुसार सरल, सहज भाषा में प्रस्तुत है पुराण-साहित्य की श्रृंखला में ‘लिंग पुराण’ ।