Sunderkand

Nonfiction, Religion & Spirituality, Eastern Religions, Hinduism
Cover of the book Sunderkand by Tulsidas, Sai ePublications
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Tulsidas ISBN: 9781329909311
Publisher: Sai ePublications Publication: December 18, 2016
Imprint: Sai ePublications Language: Hindi
Author: Tulsidas
ISBN: 9781329909311
Publisher: Sai ePublications
Publication: December 18, 2016
Imprint: Sai ePublications
Language: Hindi

शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशंभुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदांतवेद्यं विभुम्‌। रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्‌॥ 1॥

शांत, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशांति देनेवाले, ब्रह्मा, शंभु और शेष से निरंतर सेवित, वेदांत के द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखनेवाले, समस्त पापों को हरनेवाले, करुणा की खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि, राम कहलानेवाले जगदीश्वर की मैं वंदना करता हूँ॥ 1॥

नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥ 2॥

हे रघुनाथ! मैं सत्य कहता हूँ और फिर आप सबके अंतरात्मा ही हैं (सब जानते ही हैं) कि मेरे हृदय में दूसरी कोई इच्छा नहीं है। हे रघुकुलश्रेष्ठ! मुझे अपनी निर्भरा (पूर्ण) भक्ति दीजिए और मेरे मन को काम आदि दोषों से रहित कीजिए॥ 2॥

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥ 3॥

अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कांतियुक्त शरीरवाले, दैत्यरूपी वन (को ध्वंस करने) के लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, रघुनाथ के प्रिय भक्त पवनपुत्र हनुमान को मैं प्रणाम करता हूँ॥ 3॥

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशंभुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदांतवेद्यं विभुम्‌। रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्‌॥ 1॥

शांत, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशांति देनेवाले, ब्रह्मा, शंभु और शेष से निरंतर सेवित, वेदांत के द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखनेवाले, समस्त पापों को हरनेवाले, करुणा की खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि, राम कहलानेवाले जगदीश्वर की मैं वंदना करता हूँ॥ 1॥

नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥ 2॥

हे रघुनाथ! मैं सत्य कहता हूँ और फिर आप सबके अंतरात्मा ही हैं (सब जानते ही हैं) कि मेरे हृदय में दूसरी कोई इच्छा नहीं है। हे रघुकुलश्रेष्ठ! मुझे अपनी निर्भरा (पूर्ण) भक्ति दीजिए और मेरे मन को काम आदि दोषों से रहित कीजिए॥ 2॥

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥ 3॥

अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कांतियुक्त शरीरवाले, दैत्यरूपी वन (को ध्वंस करने) के लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, रघुनाथ के प्रिय भक्त पवनपुत्र हनुमान को मैं प्रणाम करता हूँ॥ 3॥

More books from Sai ePublications

Cover of the book Pinjar Aur Prem Ka Mulya by Tulsidas
Cover of the book Rajarshi (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Anupama Ka Prem (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book The Farmer's Boy by Tulsidas
Cover of the book The Man in Lonely Land by Tulsidas
Cover of the book Mansarovar - Part 6 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Birds in the Calendar by Tulsidas
Cover of the book The Four Million by Tulsidas
Cover of the book Prema (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Mansarovar - Part 6 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Mansarovar - Part 1 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Durgadas (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Chamatkar Aur Beti Ka Dhan (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book The Education of American Girls by Tulsidas
Cover of the book Srishti (Hindi) by Tulsidas
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy