Author: | Bhojraj Dwivedi | ISBN: | 9789352619467 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. | Publication: | April 29, 2017 |
Imprint: | Language: | Hindi |
Author: | Bhojraj Dwivedi |
ISBN: | 9789352619467 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. |
Publication: | April 29, 2017 |
Imprint: | |
Language: | Hindi |
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुशास्त्री पद ज्योतिषाचार्य डो. भोजराज द्विवेदी कालजयी समय के अनमोल हस्ताक्षर हैं। द्विवेदी की यशस्वी लेखनी से रचित ज्योतिष वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंक दिया, आकृति वितान, यंत्र-तंत्र विद्वान कर्मकांड व पौरोहित्य पर लगभग 258 से अधिक पुस्तकें देवा-विदेश की अनेक भाषाओं में पढ़ी जाती हैं। इनकी 3000 से अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की भविष्यवाणियां पूर्व प्रकाशित होकर समय चक्र के साथ-साथ चलकर सत्य प्रमाणित हो चुकी हैं।
'हिंदू मान्यताओं का धार्मिक आधार' उनकी लिखी अनुपम पुस्तक है । शास्त्रों के अनुसार 'धार्यते जानै रिति धर्मः' अर्थात् ऐसा आचरण जिसे धारण करना या अपनाना हितकर हो, वही धर्म कहलाता है और धर्म को धारण करने वाला, धर्म का अपने जीवन में आचरण करने बाला, धर्म के आधार पर अपने जीवन को जीने वाला व्यक्ति धार्मिक कहलाता है। इस पुस्तक के माध्यम से आप जान सकेंगे आ है रीति-रिवाज विवाह संस्कार क्यों? तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं का क्या रहस्य है, क्या है सोलह संस्कार आदि अनगिनत सवालों के उत्तर। यह पुस्तक जिज्ञासु पाठकों के लिए ज्ञान का अनमोल खजाना होगी।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुशास्त्री पद ज्योतिषाचार्य डो. भोजराज द्विवेदी कालजयी समय के अनमोल हस्ताक्षर हैं। द्विवेदी की यशस्वी लेखनी से रचित ज्योतिष वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंक दिया, आकृति वितान, यंत्र-तंत्र विद्वान कर्मकांड व पौरोहित्य पर लगभग 258 से अधिक पुस्तकें देवा-विदेश की अनेक भाषाओं में पढ़ी जाती हैं। इनकी 3000 से अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की भविष्यवाणियां पूर्व प्रकाशित होकर समय चक्र के साथ-साथ चलकर सत्य प्रमाणित हो चुकी हैं।
'हिंदू मान्यताओं का धार्मिक आधार' उनकी लिखी अनुपम पुस्तक है । शास्त्रों के अनुसार 'धार्यते जानै रिति धर्मः' अर्थात् ऐसा आचरण जिसे धारण करना या अपनाना हितकर हो, वही धर्म कहलाता है और धर्म को धारण करने वाला, धर्म का अपने जीवन में आचरण करने बाला, धर्म के आधार पर अपने जीवन को जीने वाला व्यक्ति धार्मिक कहलाता है। इस पुस्तक के माध्यम से आप जान सकेंगे आ है रीति-रिवाज विवाह संस्कार क्यों? तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं का क्या रहस्य है, क्या है सोलह संस्कार आदि अनगिनत सवालों के उत्तर। यह पुस्तक जिज्ञासु पाठकों के लिए ज्ञान का अनमोल खजाना होगी।